अहंकार बहुत ही बुरी चीज है। अपनों से अपनों को दूर कर देती है। रिश्तों की नाजुक डोरी, अहंकार के हल्के से भी आघात से पलभर में टूट जाती है। अहंकार कभी अपने आपको झुकने नहीं देता भले ही उसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पडे़। अहंकार से मानो आँखों पर एक परदा सा पड़ जाता है जो सच्चाई को देखने से इन्कार किया करता है।
अहंकार से ग्रसित व्यक्ति को स्वयं में कभी कोई बुराई नज़र ही नहीं आती। वह हमेशा दूसरों पर दोषारोपण किया करता है। अपने सामने बाकी लोगों को वह तुच्छ मानता है ।
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