दोस्ती और प्यार अमीरी -गरीबी का मोहताज नहीं होती । प्यार तो कभी कभी इकतरफा भी हुआ करता है ।
कवि कहता है कि , ये जानता हूँ कि तुम्हें चाहनेवाले बहुत हैं । मुझे उसकी फिक्र नहीं । मैं तो इतना बता देना
चाहता हूँ कि, आपको चाहनेवालों में हम भी हैं ।
कवि कहता है कि, मैंने बहुत कुछ सोच रखा होता है उनसे कहने के लिए । पर जब वो सामने आते हैं तो कहना भूल जाता हूँ । हमारे बीच कोई बात-चीत नहीं हो पाती । जब भी हम मिलते हैं तो हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट जरूर आ जाती है । चेहरा मानो खिल सा जाता है ।
The poet says that, I would have kept thinking a lot in order to say to them. But when they come in front, I forget to say. There is no interaction between us. Whenever we meet, there is a smile on our face. Face looks as if it is blooming.
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