इन्कार करने से बेहतर था कि
वो इकरार ही नहीं करते ,
हम इजहार करते रहे बार-बार
अब जाकर पता चला कि,
वो हमें प्यार नहीं करते ।
कवि कहता है कि, हमनें तो बहुत बार उनसे अपने प्यार का इजहार किया पर वे हमेशा खामोश रहे । धीरे-धीरे हमें भी ऐसा लगने लगा कि, उनके दिल में हमारे लिए भी इक विशेष जगह है । बस इसी बात को अपने जेहन में रखकर हम उनकी तरफ झुकते चले गए । उन्हीं को लेकर सपनें संजोने लगे ।
और अब जाकर उन्होंने कहा कि, उन्हें हमारे प्रति कोई विशेष फीलिंग्स नहीं है ।
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