Friday, October 18, 2019

जानकारी



कहतें हैं कि ज्यादा जानकारी भी कभी-कभी हमारे मन को विचलित कर सकती है ।  कभी-कभी जो जैसा दिखता है,  वैसा होता नहीं । यही बातें हमारे संबंधो में भी लागू होती है  ।
                      देखा गया है जबतक थोड़ी दूरी रहती है,  रिश्तों में मिठास बनी रहती है,  एक-दूसरे के प्रति आदर-सम्मान बना रहता है,  परंतु ज्यादा करीब आते ही एक-दूसरे की खामियाँ नजर आने लगती है  । 

Saturday, September 21, 2019

अंदाजा


किसी दूसरे के कहने पर या कहीं से कुछ सुनकर हमें किसी के बारे में कोई राय नहीं कायम करनी चाहिए  । किसी को  बस देखकर, उसकी वेश-भूषा को देखकर हम उसके बारे में सही सही अंदाज नहीं लगा सकते ।  किसी के बारे में कुछ जानने के लिए हमें उसके साथ कुछ समय तो जरूर बिताने चाहिए  । इसीलिए कहा भी गया है कि आँखो-देखी और कानो-सुनी बात भी कभी कभी सही नहीं हुआ करती।

Tuesday, June 18, 2019

बिकने की तमना


दिल की गुजारिश


कुछ रिश्ते ऐसे भी हुआ करते हैं कि, उन रिश्तों को निभाने के लिए हम बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को भी तैयार रहते हैं।
उसके द्वारा मिले हुए दर्द में भी हम कोई शिकायत नहीं करते ।
यहाँ पर भी कवी भावनाओं के वशीभूत होकर कह रहा है कि," मुझे चोट तो बहुत दी है तुमने, पर फिर भी मैं तुम्हें दोष न दूँगा, मैं कभी किसी से तुमसे मिले दर्द की दास्तान बयां न करुँगा क्योंकि मेरे ही दिल की गुजारिश है मुझसे कि, मैं तुझे बदनाम ना करूँ। "

Monday, June 17, 2019

मेरे अपने


कोई भी नाम

ईश्वर यह आस्था, विश्वास और श्रद्धा का विषय है।  यह विज्ञान की समझ और कल्पना से परे है। हो न हो,  पर ईश्वर के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। आपमें उसके प्रति श्रद्धा है, यदि उसे पाने की तड़प है तो आप उसे किसी भी नाम से पुकारिये, आपको महसूस होगा कि वो सुनता जरूर है। 

Saturday, June 15, 2019

बड़प्पन


घमंड


अहंकार बहुत ही बुरी चीज है।  अपनों से अपनों को दूर कर देती है।  रिश्तों की नाजुक डोरी,  अहंकार के हल्के से भी आघात से पलभर में टूट जाती है। अहंकार कभी अपने आपको झुकने नहीं देता भले ही उसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पडे़। अहंकार से मानो आँखों पर एक परदा सा पड़ जाता है जो सच्चाई को देखने से इन्कार किया करता है।
अहंकार से ग्रसित व्यक्ति को स्वयं में कभी कोई बुराई नज़र ही नहीं आती। वह हमेशा दूसरों पर दोषारोपण किया करता है। अपने सामने बाकी लोगों को वह तुच्छ मानता है ।

तेरी कृपा


पतन


तेरी मरजी


Saturday, March 23, 2019

अब बस भी कर !



कुछ वे भी होते हैं , जो हमेशा दूसरों में कमियाँ ढू़ढ़ने में ही अपना समय व्यतीत करते हैं ।
कहते हैं न कि, मक्खी चाहे बगीचे में ही क्यूँ न जाए, लेकिन वहाँ भी वो फूलों पर नहीं बैठेगी, वहाँ भी वो गंदगी ढूढ़ लेगी और गंदगी पर ही बैठेगी ।
ऐसे ही कुछ लोगों को सिर्फ अपने आप में ही अच्छाई नजर आती है, बाकी सब में वो कुछ न कुछ कमी निकालते ही रहते हैं । कवि कहता है कि, अब बस भी करो दूसरो पर दोषारोपण करना । यदि तुम्हारी नजर में सब बुरे हैं तो तुम तो अच्छे बने रहो ।