वक्त - वक्त की बात है ।
वक्त ही तो बादशाह है ।
समय के आगे किसी का वश नहीं चलता । कवि कहता है कि अच्छा वक्त रहने पर आप किसी चीज का अहंकार न करें ।
वक्त बदलते देर नहीं लगती । और ये दुनिया ऐसी है कि जब तक आपका वक्त ठीक चल रहा है, आपके पास धन - संपत्ति है, पद - प्रतिष्ठा है, आपसे लोगों का कोई स्वार्थ सधता है, तब तक आपको मान - सम्मान मिलता रहेगा । लोगों की, अपनों की असली परीक्ष। तो तब होती है जब आपका बुरा वक्त चल रहा हो । उस समय जो साथ दे वही तो सगा है ।
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