सद् गुरु और परमात्मा हमसे कभी नाराज नहीं होते ।
माँ भी अपने नवजात मासूम शिशु से कभी नाराज नहीं होती ।छोटा शिशु लाख गल्तियाँ करें , माँ कभी बुरा नहीं मानती ।
कवि कहता है कि, मुझसे भी कई गल्तियाँ हो जाती है, जाने-अनजाने में गुस्ताखियाँ भी हो जाती हैं, मैं हमेशा शिकायत भी करते रहता हूँ, ये मेरी आदत सी बन गई है । इसके बावजूद मेरा परमात्मा मुझसे कभी नाराज नहीं होता । मेरे सद् गुरु कभी मुझसे नाराज नहीं होते, शिकायत नहीं करते, रूठते नहीं, अनदेखा नहीं करते, उपेक्ष। नहीं करते ।
मेरे प्रभुजी और मेरे गुरुजी की कृपा हमेशा बरस रही है ।
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