Tuesday, June 18, 2019

बिकने की तमना


दिल की गुजारिश


कुछ रिश्ते ऐसे भी हुआ करते हैं कि, उन रिश्तों को निभाने के लिए हम बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को भी तैयार रहते हैं।
उसके द्वारा मिले हुए दर्द में भी हम कोई शिकायत नहीं करते ।
यहाँ पर भी कवी भावनाओं के वशीभूत होकर कह रहा है कि," मुझे चोट तो बहुत दी है तुमने, पर फिर भी मैं तुम्हें दोष न दूँगा, मैं कभी किसी से तुमसे मिले दर्द की दास्तान बयां न करुँगा क्योंकि मेरे ही दिल की गुजारिश है मुझसे कि, मैं तुझे बदनाम ना करूँ। "

Monday, June 17, 2019

मेरे अपने


कोई भी नाम

ईश्वर यह आस्था, विश्वास और श्रद्धा का विषय है।  यह विज्ञान की समझ और कल्पना से परे है। हो न हो,  पर ईश्वर के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। आपमें उसके प्रति श्रद्धा है, यदि उसे पाने की तड़प है तो आप उसे किसी भी नाम से पुकारिये, आपको महसूस होगा कि वो सुनता जरूर है। 

Saturday, June 15, 2019

बड़प्पन


घमंड


अहंकार बहुत ही बुरी चीज है।  अपनों से अपनों को दूर कर देती है।  रिश्तों की नाजुक डोरी,  अहंकार के हल्के से भी आघात से पलभर में टूट जाती है। अहंकार कभी अपने आपको झुकने नहीं देता भले ही उसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पडे़। अहंकार से मानो आँखों पर एक परदा सा पड़ जाता है जो सच्चाई को देखने से इन्कार किया करता है।
अहंकार से ग्रसित व्यक्ति को स्वयं में कभी कोई बुराई नज़र ही नहीं आती। वह हमेशा दूसरों पर दोषारोपण किया करता है। अपने सामने बाकी लोगों को वह तुच्छ मानता है ।

तेरी कृपा


पतन


तेरी मरजी


Saturday, March 23, 2019

अब बस भी कर !



कुछ वे भी होते हैं , जो हमेशा दूसरों में कमियाँ ढू़ढ़ने में ही अपना समय व्यतीत करते हैं ।
कहते हैं न कि, मक्खी चाहे बगीचे में ही क्यूँ न जाए, लेकिन वहाँ भी वो फूलों पर नहीं बैठेगी, वहाँ भी वो गंदगी ढूढ़ लेगी और गंदगी पर ही बैठेगी ।
ऐसे ही कुछ लोगों को सिर्फ अपने आप में ही अच्छाई नजर आती है, बाकी सब में वो कुछ न कुछ कमी निकालते ही रहते हैं । कवि कहता है कि, अब बस भी करो दूसरो पर दोषारोपण करना । यदि तुम्हारी नजर में सब बुरे हैं तो तुम तो अच्छे बने रहो ।

Monday, February 11, 2019

हमदर्द


यहाँ कौन किसी की सुनता है यार ? सब अपनी ही सुनाने में लगे हैं । दूसरों का दर्द बांटनेवाले कम ही मिला करते है । सभी अपने आप में ही मशगूल हैं ।
कवि कहता है कि, कभी कभी हम किसी बात से निराश होकर, परेशान होकर, दु:खी हो जाते हैं । हमें अकेलापन महसूस होने लगता है, तब हमें लगता है कि, कोई अपना ऐसा मिले, जिससे बातें करके मन हल्का हो, कोई हमें सांत्वना दे, हम उसके साथ अपनी भावनायें शेयर कर सकें । पर अक्सर ऐसा होता है कि, जिसे अपना समझकर हम उससे सहानुभूति की उम्मीद करते हैं, वह अपने आप में ही इतना व्यस्त रहता है कि, उसके पास हमारे लिए समय नहीं रहता ।

Who listens to someone here? All are engaged in reciting their own. The painkillers of others are less.
The poet says that, sometimes we become distraught, frustrated by some thing, disturbed. When we feel lonely, then we feel that someone should get our own, by which talking is light, someone can give us comfort, we can share our feelings with him. But it often happens that, as we consider ourselves to be sympathetic to him, he is so busy in himself that he has no time for us.

Friday, February 8, 2019

मुझे कहाँ शौक था ?


ये झुकी झुकी निगाहें


तुमसे मिलते ही ---


कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनसे मिलकर खुशी मिलती है । हर किसी की जिन्दगी में कोई न कोई ऐसा जरुर होता है जो उसके लिए बहुत खास होता है ।

कवि कहता है कि, तुमसे मिलते ही मेरे चेहरे पर रौनक आ जाती है, मन प्रसन्न हो जाता है, इक खुशी सी महसूस होने लगती है । तुमसे मिलते ही मानो जीवन में इक उमंग सी आ जाती है, वातावरण भी प्रफुल्लित सा हो जाता है । कवि कहता है कि, ना जाने किस किस्म की ताजगी हो तुम कि तुमसे मिलते ही सबकुछ बडा़ सुहावना सा लगने लगता है ।

Some people are also happy to meet them. There is a need in someone's life that is very special for him.

The poet says that, when you meet me, my heart goes crazy, my heart is pleased, I feel happy. As soon as you meet me, there is a lot of excitement in life, and the atmosphere becomes very cheerful. The poet says that, not knowing what kind of freshness you are, i find that everything starts appealing as you meet.

Monday, January 28, 2019

अश्क भी बोलते हैं


प्रेम किसी भाषा और जुबां का मोहताज नहीं होता ।

दुनिया में अनगिनत भाषाएँ हैं जो संवाद का माध्यम हुआ करती हैं । पर कभी-कभी ऐसे भी हालात हुआ करते हैं कि हम जुबां से अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं कर पाते ।

कवि कहता है कि, आँखों की भी अपनी एक भाषा होती है । आँखों से निकले आँसू भी बहुत कुछ कह जाते हैं । बस ! जरुरत है तो उन्हें समझने की क्षमता हमारे भीतर होनी चाहिए । कभी-कभी छोटे बच्चे जो बोलना नहीं जानते, उनकी आँखे, उनके हाव-भाव बहुत कुछ कह जाते हैं, जिन्हें उनकी माँ समझ जाती है ।

Thursday, January 24, 2019

तुम्हारी खामोशी


इन्कार करने से बेहतर था कि
वो इकरार ही नहीं करते ,

हम इजहार करते रहे बार-बार
अब जाकर पता चला कि,
              वो हमें प्यार नहीं करते ।

कवि कहता है कि, हमनें तो बहुत बार उनसे अपने प्यार का इजहार किया पर वे हमेशा खामोश रहे । धीरे-धीरे हमें भी ऐसा लगने लगा कि, उनके दिल में हमारे लिए भी इक विशेष जगह है । बस इसी बात को अपने जेहन में रखकर हम उनकी तरफ झुकते चले गए । उन्हीं को लेकर सपनें संजोने लगे ।
                     और अब जाकर उन्होंने कहा कि, उन्हें हमारे प्रति कोई विशेष फीलिंग्स नहीं है ।