Thursday, October 4, 2018


ना जाने क्यों कुछ लोग छोटी सी बात का भी बुरा मान जाते हैं , और फिर आखिर तक उसी बात को याद रखते हैं । नफरत का बीज ऐसा होता है कि वह बिना किसी खाद-पानी के दिन-ब-दिन बढ़ता जाता है ।
कवि कहता है कि, न जाने लोग दिल में ईर्ष्या-द्वेष, नफरतों को सजोंकर रखते हैं। हमें तो इस प्यारी दुनिया में प्यार के सिवा कुछ नजर ही नहीं आता ।

Do not know why some people even think of small things as bad, and then remember the same thing till the end. The seed of hatred happens like this that it grows without any composting day or night.

The poet says that people who do not know, keep heart-hatred, hatred in their hearts. We do not see anything except love in this beloved world.

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