Sunday, October 14, 2018

हम कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं कभी -कभी , पर कह नहीं पाते । अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के सबके तरीके अलग अलग हो सकते हैं ।
कवि कहता है कि , मैंने अपनी मन की बात कहने के लिए बहुत कुछ लिखा, पर शायद आपको समझा नहीं पाया , और आपने बिना कुछ लिखे, बिना कुछ कहे, सिर्फ खामोश रहकर ही सब कुछ कह दिया ।


Sometimes we want to say a lot but we can not say anything. The ways in which everyone can express their feelings can be different.

The poet says that, I wrote a lot to say about my mind, but I probably could not explain it, and you wrote nothing, , without saying anything else, only by remaining silent, said everything .

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