अपना दर्द, अपना गम छुपाये रखिये ।
रहीम जी कहतें हैं -- रहिमन निज मन की व्यथा, धाय न कहिए कोय, हँसी उडै़हैं लोग सब, बाँटि न लैहे कोय ।
जिन जमानेंवालों की वजह से दुःख मिलता है उन्हें सुनाकर क्या फायदा ?
Grief too now
Twisting, hiding
I'll keep pressing -
I fear -
Like pleasure too
Do not snatch anything from me
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