Friday, October 5, 2018



अपनों से नाराजगी कैसी ? रिश्तों के अटूट बंधन में नाराजगी ज्यादा देर तक नहीं टिकती । जब दिल में प्यार हो तो शिकवे-शिकायतों का दौर बहुत देर तक नहीं चलता । हम इक दूसरे से ज्यादा देर तक दूर नहीं रह सकते । दोस्त एक दूसरे से भले ही थोडी़ देर के लिए नाराज होते हैं, बात नहीं करते एक दूसरे से लेकिन किसी न किसी बहाने वे किसी और से अपने दोस्त की खबर रखते है।
कवि कहता है कि भले ही मेरा दोस्त मुझसे नाराज हो, पर वह हमेशा मेरी सलामती की दुवा करता है । थोडा़ सा जिद्दी है, मुझे सताने के लिए नाराज होने का नाटक करता है । वैसे तो हम दोनो जानते हैं कि हम एक -दूजे के बिना नहीं रह सकते ।

How are you angry with yourself? In the unbreakable bond of relationships, resentment does not last long. When there is love in the heart, the teachings and complaints do not last long. We can not stay far away from each other. The friends are annoyed for one another, do not talk about one another but some excuse they keep the news of their friend from someone else.
The poet says that even though my friend is angry with me, he always links to my goodness. A little bit stubborn, pretends to be angry for persecution to me. Well both of us know that we can not live without one and the other.

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