कुछ रिश्तों को नाम नहीं दिया जा सकता । प्रेम, विश्वास, समर्पण, श्रद्धा ये रिश्तों की मोहताज नहीं होती । ये सब दिमाग से नहीं , दिल से ताल्लुक रखते हैं । ये संवेदनाएँ, यह प्रेम जो है वो विज्ञ।न की समझ से परे की बात है ।
कवि कहता है कि, तुम क्या हो मेरे लिए ?, तुम्हारी क्या अहमियत है मेरी जिदंगी में ? यह मैं कह नहीं पाता । पर इतनी बात जरूर है कि, कभी मेरी आँखों में झाँकोगे तो तुम्हें भी एहसास हो जाएगा ।
Some relationships can not be named. Love, trust, dedication, reverence, these relationships do not need bond of any relation. All of these are not related to the mind, these are related to heart. This love is the thing that is the matter of beyond the understanding of the science.
The poet says that, what are you for me?, I can't express into words. But if you see in my eyes, perhaps you may feel in it. you will be realized.
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