Wednesday, October 24, 2018


कवयित्री कहती है कि, प्रेम बहुत इन्तजार कराता है । इसमें बहुत सब्र भी करना पड़ता है ।
वो कहती है कि, हे प्रियतम , मैं रोज तुम्हारी बाट जोहती हूँ ।
डाकिये के आने का इन्तजार करती रहती हूँ । डाकिया के आने के समय मैं लोक-लाज के डर से उससे कुछ पूँछती तो नहीं, पर दरवाजे की ओट में खडी़ रहती हूँ। यह आशा मन में लिए रहती हूँ कि आज तो शायद वह आकर यह कह दे कि, तुम्हारा पैगाम आया है । जब तक वह वापस नहीं चले जाता तब तक मेरे मन में आशा जगी रहती है ।

Poetess says that love prances too much. It has to be very patient too.

She says that, O dear, I wait for you every day. Waiting for the postman to come. At the time of the postman's arrival, I did not want to say anything from the fear of public shame, but I am standing behind the door. I hope  that today it may come and tell me that your message has come. As long as he does not go back, hope keeps awake in my heart.

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