Tuesday, December 11, 2018


सिर्फ स्वयं के बारे में सोचना, स्वयं ही भोजन कर लेना, यह प्रकृती है। अपने साथ-साथ दूसरों के भी बारे में सोचना और स्वयं खाना और दूसरों को भी भोजन कराना, यह संस्कृती है ।
दूसरों का विचार न करते हुए , दूसरों का हिस्सा भी छीनकर खाना, यह विकृती है ।
हमें अपने साथ-साथ , समाज, देश और सारी मानव जाति के कल्याण के बारे में भी सोचना चाहिए और तन-मन-धन से अपनी तरफ से भी कुछ योगदान करना चाहिए ।
कवि ईश्वर से यह प्रार्थना कर रहा है कि ,हे प्रभु सबको खुशियाँ दे । वह दूसरों के दु:खों के प्रति भी संवेदनशील है और यह भी कहता है कि, भगवन् चाहो तो मेरे हिस्से की खुशियाँ कुछ कम कर दो पर जो लोग दीन-दु:खी हैं उनकी भी झोलियाँ खुशियों से भर दो ।



Just thinking about yourself, having food yourself, this is a common view. 
It is a culture, thinking about yourself and others as well as eating food yourself and to serve others also.

Without taking into consideration others, it is maladaptive to take away the share of others.

We should also think about the welfare of our society, our nation and all mankind, and should also contribute something from our side with our mind and wealth.

The poet is praying to God that, O Lord, give happiness to all. He is also sensitive to the sorrows of others and also says that, if God wants to reduce the happiness of my part, do that but  those who are afflicted, fill their life with happiness.

Tuesday, December 4, 2018


जो कामयाब हो जाते हैं दुनिया उन्हें ही सिर-आँखो पर बिठाती है, उनका अनुकरण करती है, उनकी वाह-वाही करती है। कल तक जो लोग उन्हें पहचानते तक नहीं थे ,वही लोग आज उनसे रिश्ते जोड़ने की कोशिश किया करते हैं और उनकी तारीफों के पुल बाँधने में कोई कसर नहीं छोड़ते । जो लोग उनका मनोबल तोड़ने में लगे रहते थे, आज वही उनका स्वागत करने में सबसे आगे आ जाते है ।

और वही शख्स यदि नाकाम हो जाय तो........
उसे अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगती, सब कुछ बडी़ जल्दी से बदल जाता है। नाकामियों के चर्चे बडी़ तेजी से फैलते हैं। जिनकी हर तरफ चर्चा हुआ करती थी वही लोग गुमनामी में अंधेरों में गुम से हो जाते है ।
Those who succeed, the world places them on their heads, imitates them, they do their voices. By the time people who did not even recognize them till yesterday, those people try to connect with them today and they do not leave any stone unturned in their compliments. Those who used to break their morale, today they come forward to welcome him.


And if the same person fails then ... ..

It does not look too late to come on the floor, everything changes quickly. Discussions of failures spread rapidly. The same people who used to be discussed in all directions are lost in darkness in the oblivion.

Friday, November 30, 2018


कहते हैं न कि, कलम में भी आवाज हुआ करती है।
अक्सर शब्दों द्वारा हम अपनी भावनाएँ व्यक्त किया करते है। कभी कभी लिखे गए शब्दों में भी नीरसता सी जान पड़ती है , लेकिन वही शब्द यदि किसी अपने प्रियजन द्वारा कहे जाय या लिखे जाय तो उसमें जीवंतता प्रतीत होती है।
कवि कहता है कि, मेरे द्वारा लिखे गए शब्द कुछ खास नहीं थे पर तुम्हारी वजह से ये सजीव से हो गए हैं।
कवि यह भी कहता है कि, प्रेम में हो ही यह जरुरी तो नहीं । बहुधा प्रेम के अंतिम छोर पर विरह ही हुआ करता है पर कवि को इसका दुःख नहीं । वह कहता है कि, दर्द भी तो मोहब्बत का खूबसूरत अंदाज है ।



There is a voice in the pen.

Often by words we express our feelings. Occasionally written words seem to be inhuman, but the same word appears to be vibrant if it is said or written by a loved one.

The poet says that the words I wrote were not anything special but because of you it has become alive.

The poet also says that it is not necessary to meet in love. Often love ends at the end of love, but the poet does not regret it. He says that pain is also a beautiful form of love.

Wednesday, November 28, 2018



रिश्तों को बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, जितनी मेहनत रिश्तों को निभाने के लिए करनी पड़ती है ।
रिश्तों में मिठास बनी रही इसके लिए त्याग भी करना पड़ता है।
कवि कहता है कि, हमें हमेशा अपनी ही बात मनवाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए बल्कि सामनेवाले की भी बात माननी चाहिए । रिश्तों में दरार न आए इसके लिए एक-दूसरे पर भरोसा होना जरुरी है । हमें सामनेवाले की भावनाओं का भी आदर करना चाहिए । रिश्तों में प्रेम, पवित्रता, अपनापन, विश्वास और समर्पण यह सब बेहद जरूरी है और इसकी कोशिश दोनों तरफ से हो तो संबंध टिका करते है । संबंधों की डोरी संवेदनशील भी हुआ करती है , जरा सी बेरुखी रिश्तों में खटास पैदा कर सकती है।
कभी कभी हम किसी की कही गई बातों का गलत मतलब निकाल लेते है और फिर रिश्तों में दरार पैदा हो जाती है । इसलिए संवेदनशील कवि भावुक होकर कह रहा है कि अब हम खत को कोरा ही भेज दिया करते हैं, कुछ लिखने की हिम्मत नहीं होती । यह डर लगता है कि कहीं कभी मेरी लिखी बात का तुम गलत मतलब न निकाल लो ।





To make relationships, it does not have to work so hard, as hard work to do in relationships.

To maintain sweetness in relationships, sacrifice has to be done.

The poet says that, we should not always try to dictate our own point of view but should also consider the front. It is necessary to have faith in each other for not having a crack in relationships. We should also respect the feelings of the front. Love, purity, dedication, trust and dedication in relationships is all that is very important and if it is tried on both sides, then we will have relations. The ties of relationships are also sensitive, can cause soreness in a somewhat irreconcilable relationship.

Sometimes we take the wrong meanings of something said and then there is a rift in relationships. Therefore, the sensitive poet is passionately saying that now we send the letter only to blank, we do not have the courage to write anything. It is afraid that sometimes you do not misunderstand what I wrote.

Monday, November 26, 2018



वक्त - वक्त की बात है ।
वक्त ही तो बादशाह है ।
समय के आगे किसी का वश नहीं चलता । कवि कहता है कि अच्छा वक्त रहने पर आप किसी चीज का अहंकार न करें ।
वक्त बदलते देर नहीं लगती । और ये दुनिया ऐसी है कि जब तक आपका वक्त ठीक चल रहा है, आपके पास धन - संपत्ति है, पद - प्रतिष्ठा है, आपसे लोगों का कोई स्वार्थ सधता है, तब तक आपको मान - सम्मान मिलता रहेगा । लोगों की, अपनों की असली परीक्ष। तो तब होती है जब आपका बुरा वक्त चल रहा हो । उस समय जो साथ दे वही तो सगा है ।

Friday, November 23, 2018


हौंसला न हार,
जिद न छोड़,
बाधाओं को पार कर,
हवाओं के रुख को मोड़ ।

कवि कहता है कि हमें अपना हौंसला नहीं खोना चाहिए । विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखकर आगे बढ़ते रहना चाहिए । हवाओं का रुख भी यदि हमारे अनुकूल न हो त भी आगे बढ़ने की जिद मन में रखकर कर्तव्यरत रहना चाहिए ।
नदी को देखो, अपने उद्गम स्थान से निकलने के बाद उसकी राह में अनगिनत बाधाएँ, रुकावटें आया करती हैं , लेकिन वह सरिता चट् टानों के बीच में से भी रास्ता निकालते हुए , सभी बाधाओं को पार करती जाती है । उसे किसी के बंधन में बँधना मंजूर नहीं । वह स्वच्छंद रहना चाहती है । इठलाती, बलखाती हुई वह अपने गंतव्य की ओर सदा अग्रसर रहती है । उसकी यह कोशिश और अपने प्रियतम सागर से मिलने की जिद्द को देखकर खुदा भी मुस्कुराये बिना नहीं रह पाता होगा ।



Do not lose hands,

Do not be stubborn,

Crossing the obstacles,

Turn the wind direction


The poet says that we should not lose our pride. In adversity, perseverance should continue as well. Even if we do not have the stance of winds, we should remain diligent in keeping our heart stubbornness in mind.

Look at the river, after departing from its place of origin, there are many obstacles in her path, but River crosses all the obstacles, taking out the path between the clutches. Do not approve of binding her in anybody's binding. She wants to be free. He is always going forward towards his destination. By looking at this effort and the stubbornness of meeting with her beloved Ocean, God also can not live without smiling.

Thursday, November 22, 2018



आशाओं के दीप जलाए रखिए । समय बदलते देर नहीं लगती । हमेशा एक जैसा ही समय नहीं रहता । जीवन के इस सफर में सुख-दुख, हानि-लाभ, मान-सम्मान, यश-अपयश, मिलन-विछोह, उतार-चढा़व तो आते ही रहते है । इन सबसे हम सबको रूबरू तो होना ही पडे़गा । जब तक अंधेरे में न जाओगे तब तक उजाले का महत्व कैसे पता चलेगा ?
कहा गया है कि, ये जीवन है इस जीवन के कई रंग-रूप है ।
कवि कहता है कि, कभी कभी हम निराश हो जाते हैं, परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल नहीं रहती । कोई रास्ता नजर नहीं आता । ऐसा लगता है कि बुरा वक्त हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा । ऐसे समय में हिम्मत न हारिए , आशाओं के दीप जलाए रखिए, कर्म करते रहिए । इक न इक दिन आपकी मेहनत रंग लाएगी और आपके जीवन में फिर से खुशियों का आगमन होगा ।

Keep the lights on the hopes alive. Time does not seem to change. There is not always the same time In this journey of life, happiness and misery, loss-benefit, honor, dishonor, success, failure, dissolution, fluctuations continue to come. All of them will have to be all of us. How long will you know the importance of the light until you go into darkness?

It has been said that this is life, there are many colors in this life.

The poet says that, sometimes we get frustrated, the circumstances are not favorable for us. There is no way. It seems that bad times do not leave us behind. Do not lose your courage, keep the lights of hope alive, keep on doing your work. This day will bring your hard work and your life will be happy again.

Friday, November 16, 2018


मन के हारे हार है, मन के जीते जीत ।
बहुत बार ऐसा होता है कि, सफलता की आशा होने के बावजूद भी हमें असफलता हाथ लगती है । कभी कभी तो मानो असफलताओं का मानो दौर सा चल पड़ता है, लगातार असफलता ।
आज के युग में कुछ लोग अपनी चालाकी के बल पर, धूर्तता के बल पर, चाटुकारिता के बल पर इस प्रकार के गलत तरीकों से आगे बढ़ जातें हैं। अयोग्य व्यक्ति योग्य व्यक्तियों को पीछे छोड़ जाता है ।
कवि सीधा-साधा , चालाकी के तौर-तरीकों से अनभिज्ञ इन्सान है । वह कह रहा है कि, यह माना कि आप हर बाजी मुझसे जीत जाते हो, पर जंग जारी रखिये क्योंकि मैंने अभी हार नहीं मानी है । मेरा शरीर भले ही थक जाए पर मुझमें अभी भी जोश और होश कायम है । तुम भले ही कितनी भी चालें चल लो पर मुझे पराजित न कर पाओगे ।

Sunday, November 11, 2018


कहाँ तक और किस-किसको सफाई देते फिरें ? सच्चे लोग, भोले लोग सबूत नहीं दे पाते । चालाक लोगो का काम है कि वो अपने आपको सही साबित करने के लिए ढे़र सारे सबूत पेश कर देते हैं, पर सीधे-साधे लोगों के पास अपने आपको सही साबित करन के लिए कोई सबूत नहीं मिल पाता । उनक स्वभाव, उनका व्यवहार, उनकी निश्छलता ही उनकी सच्चाई का सबूत होती है ।
कवि कहता है कि, मेरे पास खुद को सही साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं । जब अपने ही अपनों पर विश्वास न करें तो फिर खामोश रहना ही बेहतर । रिश्तों में, दोस्ती में, प्यार में यदि एक दूसरे पर विश्वास ही न रहें तो कितना भी सबूत क्यों न दो, ऐसे रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिका करते ।
कवि यह भी कहता है कि, जब मेरे अपने ही मुझपर ऊंगलियाँ उठाने लगे तब मैंने खामोश रहना ही बेहतर समझा , और इसके बावजूद यह विडबना देखिए , कि लोगों ने मुझे ही मुलजिम करार दे दिया ।

Wednesday, November 7, 2018


सद् गुरु और परमात्मा हमसे कभी नाराज नहीं होते ।
माँ भी अपने नवजात मासूम शिशु से कभी नाराज नहीं होती ।छोटा शिशु लाख गल्तियाँ करें , माँ कभी बुरा नहीं मानती ।

कवि कहता है कि, मुझसे भी कई गल्तियाँ हो जाती है, जाने-अनजाने में गुस्ताखियाँ भी हो जाती हैं, मैं हमेशा शिकायत भी करते रहता हूँ, ये मेरी आदत सी बन गई है । इसके बावजूद मेरा परमात्मा मुझसे कभी नाराज नहीं होता । मेरे सद् गुरु कभी मुझसे नाराज नहीं होते, शिकायत नहीं करते, रूठते नहीं, अनदेखा नहीं करते, उपेक्ष। नहीं करते ।
मेरे प्रभुजी और मेरे गुरुजी की कृपा हमेशा बरस रही है ।

Monday, October 29, 2018


हर कोई दूसरों को बदलना चाहता है। हम स्वयं को बदलने को तैयार नहीं। हम चाहते हैं कि हम जैसा चाहते हैं वैसा ही हो, पर अक्सर वैसा नहीं होता।
कवि कहता है कि, मैं अपने उसूलों को साथ लेकर चलता रहा। बहुत बार ठोकरें भी खाई, पर संभल कर अपनी राह पर चलता रहा। कभी किसी से शिकायत नहीं की और चोट खाकर कभी उफ़ भी नहीं की । हर किसी के हिसाब से अपने आपको मैं बदलता रहा पर अपने सिद्धांतों पर मैं कायम रहा ।




Everyone wants to change others. We are not ready to change ourselves. We want to be exactly what we want, but always it doesn't happens.

The poet says that, I continued to carry my principles together. Many times i stumbled, but i kept on steadfastly. I never complained to anyone and never got hurt due to injury. According to everyone, I kept changing myself but I remained on my principles.

Saturday, October 27, 2018


शक एक ऐसी बीमारी है जिसकी कोई दवा नहीं । पुराने, प्रगाढ़ और करीबी रिश्तों में भी शक दरार डाल देता है । अपने भी पराये नजर आने लगते हैं। न जाने कितने परिवार केवल शक की वजह से बिखर जाते हैं । जिनके लिए हम जान तक देने की बात करते थे, अब उन्हीं के प्रति नफरत की भावना पैदा हो जाती है ।
कवि कहता है कि, बेदाग चेहरों में भी, जिनकी तारीफ करते कभी हम थकते नहीं थे, जिन्हें हम कभी अपना आदर्श मानते थे, उनमें भी अब हमें दाग नजर आने लगे, बुराईयाँ नजर आने लगी । कवि कहता है कि, ये शक की धुंध भी बडी़ अजीब है, इसने अपनों से अपनों को पराया कर दिया ।
इसके बावजूद भी कवि को ये आशा है कि, कभी तो यह धुंध छटेगी, और फिर अपनों से फिर मुलाकात होगी ।



Doubt is a disease which has no medicine. Even in old, intimate and close relationships, suspicion puts crack. Do not know how many families get scattered because of doubt only.

The poet says , To whom we considered as our ideal, now the stains are visible to us in them, the evils begin to appear in them . The poet says that, the mist of doubt is also very strange, it creates difference among us.

In spite of this, the poet hopes that, after sometime he will get rid of this mist, and then again he will meet their own friends.

Wednesday, October 24, 2018


कवयित्री कहती है कि, प्रेम बहुत इन्तजार कराता है । इसमें बहुत सब्र भी करना पड़ता है ।
वो कहती है कि, हे प्रियतम , मैं रोज तुम्हारी बाट जोहती हूँ ।
डाकिये के आने का इन्तजार करती रहती हूँ । डाकिया के आने के समय मैं लोक-लाज के डर से उससे कुछ पूँछती तो नहीं, पर दरवाजे की ओट में खडी़ रहती हूँ। यह आशा मन में लिए रहती हूँ कि आज तो शायद वह आकर यह कह दे कि, तुम्हारा पैगाम आया है । जब तक वह वापस नहीं चले जाता तब तक मेरे मन में आशा जगी रहती है ।

Poetess says that love prances too much. It has to be very patient too.

She says that, O dear, I wait for you every day. Waiting for the postman to come. At the time of the postman's arrival, I did not want to say anything from the fear of public shame, but I am standing behind the door. I hope  that today it may come and tell me that your message has come. As long as he does not go back, hope keeps awake in my heart.

Sunday, October 21, 2018


इस दुनिया में कोई कभी नहीं चाहता कि कोई उससे आगे बढ़ जाए । हर कोई अपने आपको सबसे आगे देखना चाहते हैं ।
सिर्फ पिता का रिश्ता ही एक ऐसा रिश्ता है जो सबसे अलग है । हर पिता चाहता है कि उसके बच्चे उससे भी आगे बढे़ । वे और प्रगति करें । पिता वह होता है जो बिना कुछ कहे अपने बच्चों की खुशी के लिए, उनके भविष्य को बेहतर बनाने हेतु अपना वर्तमान खर्च करता जाता है ।
माँ-पिता अपने आपको खपा देते हैं बच्चों की खुशी के लिए । माँ-पिता भले ही अनपढ़ हों लेकिन वे अपने बच्चों को पढा़-लिखाकर योग्य बनाने की कोशिश करते हैं। एक माँ-बाप अकेले ही दो-चार बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, लेकिन कालातंर में वही बच्चें मिलकर भी माता-पिता को नहीं संभालते । जिन माता-पिता ने बचपन में उन्हें बोलना सिखाया,  बुढा़पे में उन्हीं माता-पिता को बच्चे चुप रहने की नसीहत देते हैं ।
इसके बावजूद भी माँ-बाप कभी बच्चों से शिकयत नहीं करते । उनके हृदय से बच्चों के लिए सदा आशीर्वाद ही निकला करता है।
यहाँ पर कवि कहता है कि, तू मेरी आँखों में देखकर मेरी बातों को, मेरे दर्द को पढ़ ले, अब मैं जुबां से कह सकूं इतनी ताकत नहीं रही ।



Nobody in this world ever wants anyone to move forward from him. Everyone wants to see themselves at the forefront.

Only father's relationship is such a relationship which is the most different. Every father wants his children to go even further. They make more progress. Father is someone who, without saying something for the happiness of his children, spends his current expenditure on improving childrens future.

Parents give their attention to the happiness of children. Parents, though illiterate, try to make their children educated. One parent takes care of two or four children, but in old age the same children do not manage their parents together. Parents who taught them to speak in their childhood, in old age children  teach their parents to be silent.

Despite this, parents never hate children. Their heart turns out to be a blessing for children.

Here the poet says that seeing in my eyes, read my pain, now I can not say anything.

Thursday, October 18, 2018


कुछ रिश्तों को नाम नहीं दिया जा सकता । प्रेम, विश्वास, समर्पण, श्रद्धा ये रिश्तों की मोहताज नहीं होती । ये सब दिमाग से नहीं , दिल से ताल्लुक रखते हैं । ये संवेदनाएँ, यह प्रेम जो है वो विज्ञ।न की समझ से परे की बात है ।

कवि कहता है कि, तुम क्या हो मेरे लिए ?, तुम्हारी क्या अहमियत है मेरी जिदंगी में ? यह मैं कह नहीं पाता । पर इतनी बात जरूर है कि, कभी मेरी आँखों में झाँकोगे तो तुम्हें भी एहसास हो जाएगा ।

Some relationships can not be named. Love, trust, dedication, reverence, these relationships do not need bond of any relation. All of these are not related to the mind, these are related to heart. This love is the thing that is the matter of beyond the understanding of the science.

The poet says that, what are you for me?, I can't express into words. But if you see in my eyes, perhaps you may feel in it. you will be realized.

Wednesday, October 17, 2018


धोखा देना आजकल आम बात हो गई है। रिश्तों में पवित्रता नहीं रही, ईमानदारी नहीं रही । जब तक स्वार्थ रहता है ,लोग आपसे जुडे़ रहते हैं । मतलब निकल जाने के बाद लोग आपसे मिलने से भी कतराने लगते हैं ।
कवि कहता है कि, शायद मैं उसे ठीक तरह से पहचान नहीं पाया, परख नहीं पाया । यह भी हो सकता है मुझे झूठा आभास हो रहा होगा कि वो मेरे पास है, इसीलिए शायद वे लोग आज मेरे आस-पास कहीं नजर नहीं आते ।

Dodging is a common practice nowadays. There is no purity in relationships, not honesty. As long as selfishness remains, people are associated with you. After going out, people start cutting from you even when you meet them.

The poet says that, perhaps I could not recognize him properly, he could not be tested. It may also be that I have a false impression that they are with me, that is why those people may not be seen anywhere near me today.


Monday, October 15, 2018


कभी कोई अपना , अपने से बहुत दूर चला जाता है । फिर वापस नहीं आता । फिर भी हमें लगता है कि वह कहीं गया नहीं है, हमारे आस-पास यहीं कहीं हैं ।

कवयित्री कहती है कि, मैं जानती हूँ कि तुम कहीं गये नहीं हो, मेरे आस-पास ही हो । मुझमें ही समाए हुए हो । तुम्हारे बिना मेरा कोई वजूद ही नहीं । मैं जानती हूँ कि हम-तुम दोनों एक ही हैं ,फिर भी मैं तुम्हारा हर पल इन्तजार करती हूँ । उस इन्तजार में भी जो तड़प है वह भी बडी़ मीठी है ।




Sometimes someone goes very far away from us. Then do not come back. Even then we feel that he has not gone anywhere, he is around us .

Poetess says that, I know that you have not gone anywhere, you are around me. I am involved in you,Without me you have no existence. I know that we both are same. yet I wait for you every moment. The agony in that wait is also very sweet.


Sunday, October 14, 2018

हम कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं कभी -कभी , पर कह नहीं पाते । अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के सबके तरीके अलग अलग हो सकते हैं ।
कवि कहता है कि , मैंने अपनी मन की बात कहने के लिए बहुत कुछ लिखा, पर शायद आपको समझा नहीं पाया , और आपने बिना कुछ लिखे, बिना कुछ कहे, सिर्फ खामोश रहकर ही सब कुछ कह दिया ।


Sometimes we want to say a lot but we can not say anything. The ways in which everyone can express their feelings can be different.

The poet says that, I wrote a lot to say about my mind, but I probably could not explain it, and you wrote nothing, , without saying anything else, only by remaining silent, said everything .

Thursday, October 11, 2018


कहा गया है कि, कुछ कहना हो तो देश, समय और व्यक्ति का ध्यान रखकर कोई बात कहनी चाहिए । एक ही बात के कई मतलब निकाले जा सकते हैं । किस संदर्भ में वह बात कही गई है उसका भी ध्यान रखना चाहिए। सामनेवाले की मानसिक स्थिती का भी ध्यान रखा जाना चाहिए ।

इन सबका विचार करें तो रिश्ते बिगड़ते नहीं ।



It has been said that, if you have to say something, then you should take care about the country, the time and the person's attention.
Many meanings of the same thing can be extracted. In what context it has been said, should also be kept in mind. The mental condition of the front should also be taken care of.


Think of all this, relationships do not worsen.

Wednesday, October 10, 2018


अच्छी चीज की ख्वाहिश हर किसी को होती है । अच्छे लोगों से हर कोई दोस्ती करना चाहता है।
कवि कहता है कि, मेरे सनम में खूबी ही ऐसी है कि, हर कोई उनके करीब रहना चाहता है, उन्हें अपना बनाना चाहता है।
मैं भी उनमें से एक हूँ । मेरे सनम की सादगी तो देखो, उनकी ईमानदारी तो देखो। वे जानते है कि हम भी उन्हें अपना बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, उन्होंने इक दिन इशारों में ही कह दिया कि ,वे हर किसी के तो हो सकते नहीं ।

Everyone wants the good thing. Everyone wants to be friends with good people.

The poet says that, the only good thing in my life is that, everybody wants to stay close to them, they want to make themselves.

I am also one of them. Look at the simplicity of my Sanam, look at their honesty. They know that we also want to make them their own, they only said in a gesture that they can not be everyone else.

Tuesday, October 9, 2018



माँ की खुशी इस बात में ही रहती है कि, उसके बच्चे हमेशा खुश रहें । हर माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए अपनी खुशियाँ भी कुर्बान कर देती है । उसका बच्चा चाहे जैसा भी हो, वह अपने बच्चे की बुराई सुनना कभी पसंद नहीं करती । अपने बच्चे के लिए वह सारे संसार से भी लड़ जाती है । कहते हैं न कि, माँ तो माँ होती है ,उसकी जगह कोई नहीं ले सकता । बच्चे को जरा सी छींक भी आ जाए तो वह डाॅक्टर-वैद्य, पीर-फकीर, मंदिर-मस्जिद सबके चक्कर लगा आती है । मन्नतें मान लेती है ।
किसी भी माँ से पूँछो कि उसकी ख्वाहिश क्या है ? तो वह वही कहेगी कि बस मेरे बच्चे खुश रहें ।

Mother's happiness remains in this fact that her children are always happy. Every mother also sacrifices her happiness for the happiness of her child. Regardless of her child, she never likes to hear the evil of her child. For his child, he also goes to fight all over the world. It is said that not a mother is a mother, no one can take her place. If a child gets a sneezing, then the doctor-Vaidya, Pir-Fakir, Temple-Masjid, is all around. The vows are accepted.

Seek out from any mother what is her desire? Then she will say that just my kids are happy.

Monday, October 8, 2018


यदि हमें यह लगने लगे कि , केवल हम ही सही हैं, बाकी सब गलत । तब हमें समझ जाना चाहिए कि वहीं से हमारा पतन शुरु हो गया । कुछ ऐसे भी होतें हैं जो अपनी जिद्द की वजह से दूसरों का नुकसान तो करते ही हैं, पर साथ-साथ अपना भी नुकसान कर बैठते हैं । उन्हें लगता है ,वे ही समझदार हैं, बाकी सब बेवकूफ । दूसरों की अच्छाईयाँ उन्हें नजर नहीं आती बल्कि हर किसी में वे कोई न कोई नुक्स निकालते रहते हैं ।

If we begin to feel that only we are right, everything else is wrong. Then we should understand that our downfall has started from there. There are also some things that cause damage to others due to their stubbornness, but they also harm themselves. They think, they are just wiser, everyone else's stupid. They do not see the goodness of others, but they keep taking any harm in everyone.

Sunday, October 7, 2018


तुम्हें भुलाने की कोशिशों में हर बार असफल हो जातें हैं हम ।
न जाने कितने तरीके अपनाए, पर तुम्हें अपने ख्यालों में से जुदा करना मेरे बस क बात नहीं । देखो तो ! ये कमबख्त मेरा दिल भी मुझसे ही बगावत कर बैठा है। हमेशा तुम्हारे ही ख्यालों में रहता है ।


ये माना कि, हमारा जीवन भर का साथ तो नहीं,
पर जरूर कुछ बात तो है ,

मिले तो नहीं हम कई अरसे से
पर याद रखने के लिए बीती चंद मुलाकातें तो है ।

बातें भी तुम्हारी किया करतें हैं, याद भी तुम्हें ही किया करते हैं, फिक्र भी तुम्हारी ही रहती है । मेरे दिल के मुजरिम भी तुम हो और दिल की अदालत में जज भी तुम ही हो । मैं तुम्हारे खिलाफ अपील भी नहीं कर सकता क्योंकि तुम्हें मुजरिम ठहराना मेरे दिल को मान्य नहीं ।

Saturday, October 6, 2018



आज के इस युग में अपनों के पास अपनों के लिए ही समय नहीं है । पहले चिठ्ठी-पत्रों द्वारा, संदेश वाहकों द्वारा, कबूतरों द्वारा तक संदेश पहुँचाये जाते थे । लोग डाकिए की बडी़ आतुरता से बाट जोहते रहते थे । " पाती आई है " कितना सुन्दर कर्णप्रिय शब्द लगता है न दोस्तों !
फिर समय के साथ-साथ टेलीग्राम, टेलीफोन, और अब मोबाइल । फिर लोग फोन पर बात कर लिया करते थे । अब SMS, Whatsap, facebook, messenger, twitter और भी बहुत कुछ आ गया । दुनिया मानो सिकुड़ सी गई ।
दूरियाँ तो कम हो गई दोस्तों ,पर दिलों के बीच का फासला बढ़ सा गया । एक ही परिवार में रहने वाले लोग भी कई-कई दिनों तक इक -दूसरे से बात नहीं कर पाते ।
अब इसे समय का अभाव कहें या, विज्ञ।न की प्रगति या संवेदन शून्यता ? आप ही तय करें ।
फिर भी अभी भी भावनात्मक रूप से जुडा़व रखने वाले लोग हैं ।
इस संदेश में कवि कहता है कि, भले ही नियमित रूप से मैं आपको शुभप्रभात, शुभरात्री, शुभकामनाएँ .....ये सब संदेश नहीं भेज पाता पर इतनी बात सत्य है कि मैं तुम्हें रोज कुछ पल के लिए ही सही पर दिल से याद करता हूँ ।

Friday, October 5, 2018



अपनों से नाराजगी कैसी ? रिश्तों के अटूट बंधन में नाराजगी ज्यादा देर तक नहीं टिकती । जब दिल में प्यार हो तो शिकवे-शिकायतों का दौर बहुत देर तक नहीं चलता । हम इक दूसरे से ज्यादा देर तक दूर नहीं रह सकते । दोस्त एक दूसरे से भले ही थोडी़ देर के लिए नाराज होते हैं, बात नहीं करते एक दूसरे से लेकिन किसी न किसी बहाने वे किसी और से अपने दोस्त की खबर रखते है।
कवि कहता है कि भले ही मेरा दोस्त मुझसे नाराज हो, पर वह हमेशा मेरी सलामती की दुवा करता है । थोडा़ सा जिद्दी है, मुझे सताने के लिए नाराज होने का नाटक करता है । वैसे तो हम दोनो जानते हैं कि हम एक -दूजे के बिना नहीं रह सकते ।

How are you angry with yourself? In the unbreakable bond of relationships, resentment does not last long. When there is love in the heart, the teachings and complaints do not last long. We can not stay far away from each other. The friends are annoyed for one another, do not talk about one another but some excuse they keep the news of their friend from someone else.
The poet says that even though my friend is angry with me, he always links to my goodness. A little bit stubborn, pretends to be angry for persecution to me. Well both of us know that we can not live without one and the other.

Thursday, October 4, 2018


ना जाने क्यों कुछ लोग छोटी सी बात का भी बुरा मान जाते हैं , और फिर आखिर तक उसी बात को याद रखते हैं । नफरत का बीज ऐसा होता है कि वह बिना किसी खाद-पानी के दिन-ब-दिन बढ़ता जाता है ।
कवि कहता है कि, न जाने लोग दिल में ईर्ष्या-द्वेष, नफरतों को सजोंकर रखते हैं। हमें तो इस प्यारी दुनिया में प्यार के सिवा कुछ नजर ही नहीं आता ।

Do not know why some people even think of small things as bad, and then remember the same thing till the end. The seed of hatred happens like this that it grows without any composting day or night.

The poet says that people who do not know, keep heart-hatred, hatred in their hearts. We do not see anything except love in this beloved world.

Tuesday, October 2, 2018





कहा गया है कि ,खुद के लिए जिए तो क्या जिए ?
आज हर कोई अपने  स्वार्थ के लिए दूसरों का नुकसान करने से भी नहीं चूकते । बदला लेने की भावना, दूसरों को सबक सिखाने के लिए लोग किसी भी स्तर तक गिर जाते हैं । हमें सामने वाले को झुकाने के लिए काम नहीं करना चाहिए बल्कि जो दीन-दुखी हैं, समाज का कमजोर वर्ग है उन्हें उठाने में सहयोग करना चाहिए ।

Monday, October 1, 2018


अपना दर्द, अपना गम छुपाये रखिये ।
रहीम जी कहतें हैं -- रहिमन निज मन की व्यथा, धाय न कहिए कोय,     हँसी उडै़हैं लोग सब, बाँटि न लैहे कोय ।
जिन जमानेंवालों की वजह से दुःख मिलता है उन्हें सुनाकर क्या फायदा ?

Grief too now
Twisting, hiding
I'll keep pressing -

I fear -

Like pleasure too
Do not snatch anything from me